क्या है कर्ण  पिशाचिनी का राज़ ..?




शक्ति पाने के लिए अघोरी कई तरह की साधना में लीन रहते है। उन्हीें साधनाओं में से एक साधना है ‘‘कर्ण पिशाचिनी‘‘ की। माना जाता है कि कर्ण  पिशाचिनी की साधना करने में कोई भी व्यक्ति किसी का भी भूत, भविष्य और  वर्तमान जान सकता है। 

कौन है ये कर्ण पिशाचिनी... और कैसी की जाती है इसकी साधना आइए आज हम जानते है इसके बारे में....

कौन है ‘‘कर्ण पिशाचिनी‘‘ ?


कर्ण पिशाचिनी अदृश्य शक्ति यक्षिनी का स्त्री रूप है। जिसके पास अपार शक्तियां होती है। कहा जाता है कि कर्ण पिशाचिनी अगर किसी के वश में आ जाए, तो उसे किसी का भी अगला-पिछला, भूत, भविष्य और वर्तमान बता सकती है। इस शक्तिओं की मदद से कोई भी इन्सान काफी शक्तिशाली हो सकता है। आम तौर पर कर्ण पिशाचिनी की साधना दुर्गम जगहों जैसे शमशान घाट पर बैठकर अघोरी ही किया करते है।

कैसी की जाती है ‘‘कर्ण पिशाचिनी साधना‘‘ ?


इस मंत्र को गुप्त त्रिकालदर्शी मंत्र भी कहा जाता है। इस मंत्र से साधक को  किसी भी व्यक्ति को देखते ही उसके जीवन की सूक्ष्म से सूक्ष्म घटना का ज्ञान हो जाता है। उसके विषय में विचार करते ही उसकी समस्त गतिविधियों एवं क्रियाकलापों का ज्ञान हो जाता है। कर्ण-पिशाचिनी-साधना वैदिक विधि से भी सम्पन्न की जाती है और तांत्रिक विधि से भी अनुष्ठानित की जाती है।

मंत्र ?

नोट : ये विधि साधारण मनुष्य के लिए नहीं हैं , कृपया इसे करना का प्रयास न करे।  ये विधि तांत्रिक अघोरियों के द्वारा की जाती है।